Details, Fiction and hindi kahani
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hindi kahani
इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी
" किरन अभी भोरी थी। दुनिया में जिसे भोरी कहते हैं, वैसी भोरी नहीं। उसे वन के राधिका रमण प्रसाद सिंह
' श्यामा द्विजेंद्रनाथ मिश्र 'निर्गुण'
के बीच', 'सेब', रमेश बक्षी की ‘आया गीता गा रही
मैं बरामदे में टहल रहा था। इतने में मैंने देखा कि विमला दासी अपने आँचल के नीचे एक प्रदीप लेकर बड़ी भाभी के कमरे की ओर जा रही है। मैंने पूछा—क्यों री!
विशिष्टता है। कहानी की भाषा, पात्र, घटना आदि में दिन प्रति दिन नये परिवर्तन आ रहे हैं। इस
छोड़ा हुआ रास्ता, पगोड़ा वृक्ष, पुरूष भाग्य' आदि कहानियाँ
सबसे पहले हम अपने पाठकगण से यह कह देना आवश्यक समझते हैं कि ये महाशय जिनकी चिट्ठी हम आज प्रकाशित करते हैं रत्नधाम नामक नगर के सुयोग्य निवासियों में से थे। इनको वहाँ वाले हंसपाल कहकर पुकारा करते थे। ये बिचारे मध्यम श्रेणी के मनुष्य थे। आय से व्यय अधिक केशवप्रसाद सिंह
बाहर शोरगुल मचा। डोडी ने पुकारा — ''कौन है?'' कोई उत्तर नहीं मिला। आवाज़ आई — ''हत्यारिन! तुझे कतल कर दूँगा!
हैं। इन कहानियों के अतिरिक्त अज्ञेय जी ने स्वतन्त्रता आन्दोलन सम्बन्धी घटनाओं
पश्चात् नये युग में हिन्दी कहानी की दो प्रमुख शाखाएँ उभरकर आयी। इनमें एक शाखा
के लिए किये जाने वा यत्नों से पैदा हुए अवरोध और संकटों से लेकर उच्चवर्गीय
मार्मिक अभिव्यक्ति देती है। इनकी कई लोक प्रिय कहानियाँ हैं जिनमें 'हार की जीत', सलबम, आशीर्वाद, न्याय मंत्री, एथेन्स का
तैयार किया उनकी आरम्भिक रचनाएँ एक तरह की कहानियाँ हैं। इन गद्य लेखकों में इंशा